सैम पित्रोदा पर सरकारी जमीन कब्जाने का आरोप, ईडी और लोकायुक्त में केस दर्ज.

बेंगलुरु: ओवरसीज कांग्रेस यूनिट के अध्यक्ष सैम पित्रोदा और पांच अन्य लोगों के खिलाफ सरकारी जमीन कब्जाने के आरोप में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और लोकायुक्त में मामला दर्ज किया गया है

आरोप है कि इन लोगों ने कर्नाटक वन विभाग की जमीन को अवैध रूप से अधिग्रहित किया, जिसकी कीमत 150 करोड़ रुपये से अधिक आंकी जा रही है

यह शिकायत बीजेपी साउथ डिस्ट्रिक्ट के अध्यक्ष एनआर रमेश ने दर्ज कराई

उन्होंने पूर्व अतिरिक्त मुख्य सचिव जावेद अख्तर, प्रधान मुख्य वन संरक्षक आरके सिंह और संजय मोहन, उप वन संरक्षक एन रविंद्र कुमार और एसएस रविशंकर सहित छह लोगों पर आरोप लगाए हैं।

जमीन कब्जे के आरोप

सैम पित्रोदा, जिनका पूरा नाम सत्यनारायण गंगाराम पित्रोदा है, ने 1991 में मुंबई में ‘फाउंडेशन फॉर रिवाइटलाइजेशन ऑफ लोकल हेल्थ ट्रेडिशंस’ (FRLHT) नाम से एक संस्था पंजीकृत कराई थी

हालांकि, 2010 में उन्होंने स्वयं इसके पंजीकरण को रद्द करने का अनुरोध किया

2008 में इसी नाम से एक नई संस्था ‘FRLHT ट्रस्ट’ बेंगलुरु के ब्याटरायनपुरा में पंजीकृत कराई गई

1996 में सैम पित्रोदा ने कर्नाटक वन विभाग से एक आरक्षित वन क्षेत्र को औषधीय पौधों की खेती और अनुसंधान के लिए लीज पर देने का अनुरोध किया

इस अनुरोध के बाद कर्नाटक वन विभाग ने 12.35 एकड़ जमीन को पांच साल के लिए FRLHT मुंबई को लीज पर दे दिया

इस लीज को भारत सरकार के वन, पारिस्थितिकी और पर्यावरण मंत्रालय ने मंजूरी दी थी

शिकायत में दावा किया गया है कि लीज की अवधि समाप्त होने के बाद भी FRLHT ने जमीन को अवैध रूप से अपने कब्जे में रखा

बीजेपी नेता एनआर रमेश का आरोप है कि जमीन का उपयोग व्यावसायिक उद्देश्यों के लिए किया गया, जबकि इसे केवल शोध के लिए दिया गया था

अब इस मामले की जांच ईडी और लोकायुक्त द्वारा की जाएगी

सरकार इस विवादित जमीन को वापस लेने के लिए कानूनी कार्रवाई कर सकती है

विपक्षी दलों ने इस मामले पर सरकार से निष्पक्ष जांच की मांग की है

कांग्रेस और सैम पित्रोदा की ओर से अब तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है

मामले में आगे क्या कार्रवाई होती है, यह देखना दिलचस्प होगा।

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