जयपुर: ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ पर जोर, कानून मंत्री अर्जुनराम मेघवाल का बयान.

जयपुर: केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुनराम मेघवाल ने ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ (एक राष्ट्र, एक चुनाव) की वकालत करते हुए कहा कि बार-बार चुनाव होने से विकास कार्य प्रभावित होते हैं।
मुख्य बिंदु:
- चुनावों के कारण बार-बार लागू होने वाली आचार संहिता से विकास रुकता है।
- अगर एक साथ चुनाव हों तो सरकार को पूरे 5 साल काम करने का मौका मिलेगा।
- लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ कराने की योजना पर केंद्र सरकार गंभीर है।
- ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ पर जयपुर में एक सम्मेलन आयोजित किया गया।
- कानून मंत्री ने कहा कि इस विषय पर संसद में विधेयक पेश किया गया है।
- यह विधेयक फिलहाल संयुक्त संसदीय समिति (JPC) के पास विचाराधीन है।
- JPC की मंजूरी के बाद विधेयक केंद्र सरकार को भेजा जाएगा।
- उन्होंने कहा कि बार-बार चुनाव कराने से सरकारी संसाधनों पर भी असर पड़ता है।
- चुनावों पर होने वाला भारी खर्च भी बचाया जा सकता है।
- ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ लागू होने से प्रशासनिक कामकाज में तेजी आएगी।
- इस नीति को लागू करने के लिए कानूनी और संवैधानिक बदलाव जरूरी हैं।
- देश में राजनीतिक स्थिरता लाने के लिए यह एक बड़ा कदम साबित हो सकता है।
- केंद्र सरकार ने विशेषज्ञों की एक समिति गठित कर अध्ययन शुरू किया है।
- विभिन्न दलों से इस पर सुझाव मांगे गए हैं।
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी इस विचार का समर्थन कर चुके हैं।
- कुछ विपक्षी दलों ने इस योजना पर सवाल उठाए हैं।
- अगर यह लागू हुआ तो लोकसभा और राज्य विधानसभा चुनाव एक साथ होंगे।
- देश में पहली बार 1952 में लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ हुए थे।
- सरकार इसे लागू करने के लिए आम सहमति बनाने की कोशिश कर रही है।
- ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ पर आगे की रणनीति जल्द तय की जाएगी।