लेह: जम्मू-कश्मीर में बजट पर बहस के बीच, लद्दाख के निर्वाचित प्रतिनिधि खुद को हाशिए पर महसूस कर रहे हैं।

क्षेत्र के नेता लोकतांत्रिक व्यवस्था की मांग करते हुए अपनी चिंताओं के बारे में खुलकर बात कर रहे हैं।

घटना का विवरण:

  • लद्दाख के नेता विधायी सशक्तिकरण और छठी अनुसूची में शामिल होने की मांग कर रहे हैं।
  • उन्हें लगता है कि जम्मू-कश्मीर में बजट पर बहस के दौरान उन्हें हाशिए पर रखा गया है।
  • वे एक लोकतांत्रिक व्यवस्था की मांग कर रहे हैं जो उनकी चिंताओं को सुने और उनका प्रतिनिधित्व करे।
  • वे लद्दाख को छठी अनुसूची में शामिल करने की मांग कर रहे हैं, जो उन्हें अधिक स्वायत्तता और संसाधन प्रदान करेगी।

यह खबर क्यों महत्वपूर्ण है?

  • यह खबर हमें बताती है कि लद्दाख के लोग अपनी लोकतांत्रिक आकांक्षाओं के बारे में कितने दृढ़ हैं।
  • यह खबर हमें यह भी बताती है कि लद्दाख की विशिष्ट सांस्कृतिक और भौगोलिक स्थिति को ध्यान में रखते हुए, उन्हें अधिक स्वायत्तता और संसाधन प्रदान करने की आवश्यकता है।

हमें क्या करना चाहिए?

  • हमें लद्दाख के लोगों की मांगों को सुनना चाहिए।
  • हमें लद्दाख को छठी अनुसूची में शामिल करने पर विचार करना चाहिए।
  • हमें लद्दाख में लोकतांत्रिक व्यवस्था को मजबूत करने के लिए प्रयास करने चाहिए।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *