प्रदूषण पर योगी का मंत्र: ‘प्रकृति की आवश्यकता, लालच नहीं’

नई दिल्ली में राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम (NCAP) पर आयोजित राष्ट्रीय सम्मेलन में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वायु प्रदूषण के गंभीर मुद्दे पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि इस समस्या के समाधान के लिए व्यापक चर्चा और सामूहिक योजना की आवश्यकता है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महात्मा गांधी के विचारों को उद्धृत करते हुए कहा, “महात्मा गांधी ने एक बार कहा था, ‘प्रकृति के पास सबकी जरूरतों को पूरा करने के लिए पर्याप्त है, लेकिन किसी के लालच को संतुष्ट करने के लिए नहीं।’ मुझे लगता है कि हम अपने सवालों का जवाब इसी में पा सकते हैं।” उन्होंने जोर देकर कहा कि हमें प्रकृति के साथ सामंजस्य स्थापित करते हुए विकास के रास्ते तलाशने होंगे।
उन्होंने कहा कि वायु प्रदूषण एक राष्ट्रीय समस्या है और इसके समाधान के लिए केंद्र और राज्य सरकारों को मिलकर काम करना होगा। उत्तर प्रदेश सरकार इस दिशा में लगातार प्रयास कर रही है और प्रदूषण नियंत्रण के लिए कई कदम उठाए गए हैं। उन्होंने बताया कि राज्य में वृक्षारोपण अभियान, उद्योगों में प्रदूषण नियंत्रण उपायों का सख्ती से पालन और सार्वजनिक परिवहन को बढ़ावा देने जैसे प्रयास किए जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यह भी कहा कि जन जागरूकता और जन भागीदारी के बिना प्रदूषण नियंत्रण संभव नहीं है। उन्होंने लोगों से अपील की कि वे अपने दैनिक जीवन में छोटे-छोटे बदलाव करके प्रदूषण को कम करने में योगदान दें। उन्होंने कहा कि हमें अपनी आने वाली पीढ़ियों के लिए स्वच्छ और स्वस्थ वातावरण सुनिश्चित करना होगा।
सम्मेलन में विभिन्न राज्यों के प्रतिनिधियों, पर्यावरण विशेषज्ञों और नीति निर्माताओं ने भाग लिया। उन्होंने वायु प्रदूषण के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की और इसके समाधान के लिए सुझाव दिए। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सभी से मिलकर काम करने का आह्वान किया ताकि इस गंभीर समस्या से निपटा जा सके। उन्होंने कहा कि हमें एक ऐसी विकास योजना बनानी होगी जो पर्यावरण के अनुकूल हो और सभी के लिए सतत विकास सुनिश्चित करे।