‘नेस्ट मैन ऑफ इंडिया’ राकेश खत्री: गौरैया संरक्षण के नायक.

नई दिल्ली: हर हीरो के पास सुपरपावर नहीं होती, कुछ नायक घोंसले बनाकर पक्षियों की रक्षा करते हैं। ऐसे ही एक नायक हैं राकेश खत्री, जिन्हें ‘नेस्ट मैन ऑफ इंडिया’ के नाम से जाना जाता है। खत्री ने शहरीकरण, वनों की कटाई और प्रदूषण के कारण विलुप्त हो रही गौरैया पक्षियों को बचाने का अनोखा तरीका अपनाया है।

साल 2008 में खत्री ने सिर्फ 20 घोंसले बनाकर इस मिशन की शुरुआत की थी। लेकिन अब यह छोटा प्रयास एक राष्ट्रव्यापी अभियान में बदल चुका है। राकेश खत्री द्वारा बनाए गए ये घोंसले बांस, जूट, कपास, कागज और जैविक सामग्रियों से तैयार किए जाते हैं। ये घोंसले न केवल दिल्ली बल्कि देश के अन्य हिस्सों में भी काफी मांग में हैं।

दिल्ली में गौरैया को 2012 में राज्य पक्षी घोषित किया गया था ताकि इसकी सुरक्षा और संरक्षण के प्रति जागरूकता फैलाई जा सके। हर साल 20 मार्च को ‘वर्ल्ड स्पैरो डे’ के रूप में मनाया जाता है, लेकिन राकेश खत्री के लिए हर दिन गौरैया दिवस है।

खत्री के बेटे अनिमेष ने जानकारी दी कि फिलहाल उनके पिता कुछ स्वास्थ्य समस्याओं के चलते अस्पताल में भर्ती हैं।

राकेश खत्री के प्रयासों की सराहना करते हुए पर्यावरण प्रेमियों का मानना है कि उन्होंने गौरैया को एक नई जिंदगी देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

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