पंजाब में किसान आंदोलन पर सरकार की सख्ती, बॉर्डर से टेंट हटाए गए.

पंजाब में किसानों के विरोध प्रदर्शन के बीच राज्य सरकार ने कड़ा रुख अपनाया है। मुख्यमंत्री भगवंत मान के निर्देश पर प्रशासन ने शंभू और खनौरी बॉर्डर पर लगे किसानों के टेंट हटा दिए हैं। इसके साथ ही, एहतियात के तौर पर इन इलाकों में इंटरनेट सेवाएं भी अस्थायी रूप से बंद कर दी गई हैं। सरकार के इस कदम के बाद किसानों में नाराजगी देखी जा रही है।

किसान संगठन लंबे समय से अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे थे। उनकी प्रमुख मांगों में फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की गारंटी, कर्ज माफी और बिजली दरों में कटौती शामिल है। किसान नेताओं का कहना है कि सरकार उनकी मांगों को नजरअंदाज कर रही है और शांतिपूर्ण प्रदर्शन को दबाने के लिए सख्त कदम उठा रही है।

प्रशासन ने बताया कि बॉर्डर पर सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है ताकि किसी भी अप्रिय घटना को रोका जा सके। शंभू और खनौरी बॉर्डर पर भारी पुलिस बल तैनात किया गया है। पुलिस ने किसानों के टेंट हटाते समय किसी भी प्रकार के टकराव से बचने के लिए संयम बनाए रखा। हालांकि, कुछ जगहों पर किसानों और पुलिस के बीच मामूली झड़प की खबरें भी सामने आई हैं।

मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि सरकार किसानों के हितों के प्रति प्रतिबद्ध है, लेकिन कानून-व्यवस्था बनाए रखना भी जरूरी है। उन्होंने कहा, “हम किसानों की मांगों पर विचार करने के लिए तैयार हैं, लेकिन सार्वजनिक व्यवस्था को बाधित करने की इजाजत नहीं दी जा सकती।”

वहीं, किसान संगठनों ने सरकार के इस कदम की आलोचना की है। भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने कहा कि सरकार किसानों की आवाज को दबाने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा, “किसान शांतिपूर्ण तरीके से अपनी मांगें रख रहे हैं, लेकिन सरकार जबरदस्ती उनकी आवाज को दबा रही है। यह लोकतंत्र के खिलाफ है।”

फिलहाल, सरकार और किसानों के बीच गतिरोध जारी है। किसान संगठनों ने चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांगें नहीं मानी गईं तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा। राज्य की राजनीति में इस मुद्दे पर तनाव बढ़ता जा रहा है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *