गंगा नदी प्रदूषण: सुप्रीम कोर्ट ने बिहार पर 50,000 रुपये का जुर्माना लगाने वाले एनजीटी के आदेश पर रोक लगाई.

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण (एनजीटी) के उस आदेश पर रोक लगा दी है, जिसमें बिहार सरकार पर गंगा नदी में प्रदूषण के लिए 50,000 रुपये का जुर्माना लगाया गया था।

घटना का विवरण:

एनजीटी ने पहले अधिकारियों को गंगा के साथ सहायक नदियों के विलय से और बिहार में प्रमुख प्रवेश और निकास बिंदुओं पर पानी के नमूने विश्लेषण रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया था।
सुप्रीम कोर्ट ने एनजीटी के आदेश पर रोक लगाते हुए कहा कि यह मामला जनहित से जुड़ा हुआ है और इस पर विस्तृत सुनवाई की आवश्यकता है।
अदालत ने बिहार सरकार को इस मामले में अपना जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है।
यह मामला गंगा नदी में बढ़ते प्रदूषण के मुद्दे से संबंधित है।
एनजीटी ने बिहार सरकार पर आरोप लगाया था कि वह गंगा नदी में प्रदूषण को रोकने के लिए पर्याप्त कदम नहीं उठा रही है।
बिहार सरकार ने एनजीटी के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी।
अतिरिक्त जानकारी:

गंगा नदी भारत की सबसे पवित्र नदियों में से एक है।
यह नदी लाखों लोगों के लिए पानी का एक महत्वपूर्ण स्रोत है।
गंगा नदी में प्रदूषण एक गंभीर समस्या है, जो मानव स्वास्थ्य और पर्यावरण के लिए हानिकारक है।
सरकार गंगा नदी में प्रदूषण को रोकने के लिए कई प्रयास कर रही है।

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