.रिटायर्ड कर्नल और उनकी पत्नी से साइबर ठगों ने 3.4 करोड़ रुपये ठगे, ‘डिजिटल गिरफ्त’ में रखा.

नई दिल्ली: साइबर अपराधियों ने एक रिटायर्ड आर्मी कर्नल और उनकी पत्नी को डिजिटल तरीके से बंधक बनाकर 3.41 करोड़ रुपये की ठगी की। यह घटना नौ दिनों तक चली, जिसमें ठगों ने उन्हें मानसिक दबाव में रखा।
कैसे हुई ठगी?
- रिटायर्ड कर्नल को साइबर ठगों ने फोन कर सरकारी एजेंसी से होने का दावा किया।
- उन्हें फर्जी कानूनी मामले में फंसाने की धमकी दी गई।
- ठगों ने वीडियो कॉल के जरिए कर्नल को लगातार निगरानी में रखा।
- ठगों ने उनके बैंक खातों और निवेश की जानकारी जुटाई।
- डर के कारण कर्नल और उनकी पत्नी ने ठगों को पैसे ट्रांसफर कर दिए।
डिजिटल गिरफ्त का तरीका
- ठगों ने कर्नल को किसी से बात करने नहीं दी।
- घर से बाहर जाने पर रोक लगाई और मानसिक दबाव बनाया।
- इंटरनेट और फोन का इस्तेमाल ठगों के निर्देश पर ही हुआ।
- इस बीच, ठगों ने अलग-अलग खातों में कुल 3.41 करोड़ रुपये ट्रांसफर करा लिए।
जांच और कार्रवाई
- घटना की जानकारी मिलने के बाद पुलिस और साइबर सेल जांच में जुटी।
- बैंक खातों की ट्रांजेक्शन हिस्ट्री निकाली जा रही है।
- साइबर क्राइम एक्सपर्ट्स मामले की गहराई से जांच कर रहे हैं।
- संभावना है कि ठग विदेश से ऑपरेट कर रहे थे।
- पुलिस ने आम नागरिकों को ऐसे ठगी से सतर्क रहने की सलाह दी है।
साइबर अपराध से बचाव के उपाय
- किसी भी अनजान कॉल पर पर्सनल जानकारी साझा न करें।
- सरकारी एजेंसियों की पुष्टि किए बिना किसी भी कानूनी धमकी पर भरोसा न करें।
- अगर कोई व्यक्ति आपको लगातार वीडियो कॉल पर रखता है, तो तुरंत पुलिस को सूचित करें।
- बैंकिंग ट्रांजेक्शन से जुड़ी किसी भी संदिग्ध गतिविधि पर बैंक को सूचित करें।
- साइबर क्राइम हेल्पलाइन नंबर 1930 पर तुरंत शिकायत करें।
- साइबर ठगी के मामलों में सतर्कता ही सबसे बड़ा बचाव है।