कर्नाटक हाईकोर्ट ने ED को दी जांच की अनुमति, पूर्व MUDA कमिश्नर की समन रद्द करने का आदेश बरकरार

बेंगलुरु: कर्नाटक हाईकोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय (ED) को मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण (MUDA) द्वारा वैकल्पिक प्लॉट आवंटन में अनियमितताओं की जांच जारी रखने की अनुमति दी है। हालांकि, कोर्ट ने पूर्व MUDA कमिश्नर डी बी नटेश को भेजे गए समन को रद्द करने के सिंगल बेंच के फैसले पर रोक लगाने से इनकार कर दिया

मुख्य बिंदु:

  1. ED ने हाईकोर्ट में सिंगल बेंच के फैसले को चुनौती दी थी
  2. 27 जनवरी 2025 को सिंगल बेंच ने ED की छापेमारी को अवैध करार दिया था
  3. ED ने 28-29 अक्टूबर 2024 के बीच नटेश के घर तलाशी ली थी
  4. ED का तर्क था कि लोकायुक्त पुलिस ने आवश्यक सबूतों की अनदेखी की
  5. मुख्य न्यायाधीश एन वी अंजारिया और न्यायमूर्ति के वी अरविंद की बेंच ने कहा कि जांच बाधित नहीं होनी चाहिए

लोकायुक्त की रिपोर्ट के खिलाफ ED का विरोध:

  1. ED कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और उनके परिवार के खिलाफ भी जांच कर रही है
  2. लोकायुक्त पुलिस ने मुख्यमंत्री और उनके परिवार को क्लीन चिट दी थी
  3. ED ने लोकायुक्त की रिपोर्ट को चुनौती देते हुए अदालत में याचिका दायर की
  4. एजेंसी का आरोप है कि महत्वपूर्ण साक्ष्य लोकायुक्त की रिपोर्ट में शामिल नहीं किए गए
  5. ED के अनुसार, मैसूर के केसारे गांव में तीन एकड़ 16 गुंटा भूमि के डिनोटीफिकेशन और वैकल्पिक प्लॉट आवंटन में अनियमितताएं हुईं

अदालत की टिप्पणी:

  1. हाईकोर्ट ने कहा कि PMLA के तहत होने वाली सभी जांच कानून के अनुसार चलनी चाहिए
  2. न्यायालय ने ED को जांच जारी रखने की अनुमति दी
  3. हालांकि, अदालत ने नटेश को भेजे गए समन को निरस्त करने के आदेश पर रोक नहीं लगाई
  4. ED ने विशेष अदालत से लोकायुक्त की क्लीन चिट रिपोर्ट को अस्वीकार करने का अनुरोध किया
  5. विशेष अदालत ने अभी इस मामले पर अंतिम फैसला नहीं सुनाया है

राजनीतिक प्रतिक्रिया:

अगली सुनवाई की तारीख जल्द घोषित की जाएगी

सत्तारूढ़ कांग्रेस ने ED पर राजनीति करने का आरोप लगाया

BJP ने ED की कार्रवाई का समर्थन करते हुए निष्पक्ष जांच की मांग की

CM सिद्धारमैया ने कहा कि उनके खिलाफ लगे आरोप बेबुनियाद हैं

राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार, यह मामला आगामी चुनावों को प्रभावित कर सकता है

बेंगलुरु: कर्नाटक हाईकोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय (ED) को मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण (MUDA) द्वारा वैकल्पिक प्लॉट आवंटन में अनियमितताओं की जांच जारी रखने की अनुमति दी है। हालांकि, कोर्ट ने पूर्व MUDA कमिश्नर डी बी नटेश को भेजे गए समन को रद्द करने के सिंगल बेंच के फैसले पर रोक लगाने से इनकार कर दिया

मुख्य बिंदु:

  1. ED ने हाईकोर्ट में सिंगल बेंच के फैसले को चुनौती दी थी
  2. 27 जनवरी 2025 को सिंगल बेंच ने ED की छापेमारी को अवैध करार दिया था
  3. ED ने 28-29 अक्टूबर 2024 के बीच नटेश के घर तलाशी ली थी
  4. ED का तर्क था कि लोकायुक्त पुलिस ने आवश्यक सबूतों की अनदेखी की
  5. मुख्य न्यायाधीश एन वी अंजारिया और न्यायमूर्ति के वी अरविंद की बेंच ने कहा कि जांच बाधित नहीं होनी चाहिए

लोकायुक्त की रिपोर्ट के खिलाफ ED का विरोध:

  1. ED कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और उनके परिवार के खिलाफ भी जांच कर रही है
  2. लोकायुक्त पुलिस ने मुख्यमंत्री और उनके परिवार को क्लीन चिट दी थी
  3. ED ने लोकायुक्त की रिपोर्ट को चुनौती देते हुए अदालत में याचिका दायर की
  4. एजेंसी का आरोप है कि महत्वपूर्ण साक्ष्य लोकायुक्त की रिपोर्ट में शामिल नहीं किए गए
  5. ED के अनुसार, मैसूर के केसारे गांव में तीन एकड़ 16 गुंटा भूमि के डिनोटीफिकेशन और वैकल्पिक प्लॉट आवंटन में अनियमितताएं हुईं

अदालत की टिप्पणी:

  1. हाईकोर्ट ने कहा कि PMLA के तहत होने वाली सभी जांच कानून के अनुसार चलनी चाहिए
  2. न्यायालय ने ED को जांच जारी रखने की अनुमति दी
  3. हालांकि, अदालत ने नटेश को भेजे गए समन को निरस्त करने के आदेश पर रोक नहीं लगाई
  4. ED ने विशेष अदालत से लोकायुक्त की क्लीन चिट रिपोर्ट को अस्वीकार करने का अनुरोध किया
  5. विशेष अदालत ने अभी इस मामले पर अंतिम फैसला नहीं सुनाया है

राजनीतिक प्रतिक्रिया:

  1. सत्तारूढ़ कांग्रेस ने ED पर राजनीति करने का आरोप लगाया
  2. BJP ने ED की कार्रवाई का समर्थन करते हुए निष्पक्ष जांच की मांग की
  3. CM सिद्धारमैया ने कहा कि उनके खिलाफ लगे आरोप बेबुनियाद हैं
  4. राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार, यह मामला आगामी चुनावों को प्रभावित कर सकता है
  5. अगली सुनवाई की तारीख जल्द घोषित की जाएगी

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