वक्फ बिल के खिलाफ कई राज्यों में विरोध प्रदर्शन, मुसलमानों ने बताया तानाशाही फैसला.

नई दिल्ली: हाल ही में लोकसभा और राज्यसभा से पारित हुए वक्फ संशोधन विधेयक को लेकर देश के कई हिस्सों में विरोध प्रदर्शन देखने को मिला। गुजरात, पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र और अन्य राज्यों में मुस्लिम संगठनों और समुदाय के लोगों ने इसे तानाशाही करार देते हुए बिल को वापस लेने की मांग की।

क्या है विवाद?

वक्फ संशोधन विधेयक में कुछ प्रावधान ऐसे हैं, जिन्हें लेकर मुस्लिम समुदाय में असंतोष है। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि यह विधेयक वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में सरकार का हस्तक्षेप बढ़ाने वाला है और इससे उनके धार्मिक व सामाजिक अधिकारों पर असर पड़ेगा।

विरोध प्रदर्शनों की स्थिति

गुजरात के अहमदाबाद, सूरत और वडोदरा में सैकड़ों लोग सड़कों पर उतरे और सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। वहीं, पश्चिम बंगाल के कोलकाता, हावड़ा और मुर्शिदाबाद में भी बड़े पैमाने पर रैलियां निकाली गईं। कई जगहों पर प्रदर्शनकारियों ने सरकार से इस बिल को वापस लेने की मांग करते हुए ज्ञापन भी सौंपा।

प्रदर्शनकारियों का कहना है कि वक्फ बोर्ड को स्वायत्त रूप से कार्य करने दिया जाना चाहिए और सरकार को इसमें दखल नहीं देना चाहिए। उनके मुताबिक, यह कानून अल्पसंख्यकों के अधिकारों को कमजोर कर सकता है।

सरकार का पक्ष

सरकार का तर्क है कि यह विधेयक पारदर्शिता लाने और वक्फ संपत्तियों के दुरुपयोग को रोकने के लिए लाया गया है। अधिकारियों का कहना है कि कई मामलों में वक्फ बोर्ड की संपत्तियों का सही ढंग से प्रबंधन नहीं हो रहा था, इसलिए इसमें सुधार जरूरी था।

राजनीतिक प्रतिक्रियाएं

इस बिल को लेकर विपक्षी दलों ने भी सरकार पर निशाना साधा है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने इसे मुस्लिम समुदाय के अधिकारों के खिलाफ बताया है।

क्या होगा आगे?

मुस्लिम संगठनों ने चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया गया तो वे आंदोलन तेज करेंगे। अब यह देखना होगा कि सरकार इस विरोध पर क्या प्रतिक्रिया देती है और क्या इस बिल में कोई संशोधन किया जाएगा।

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