नई दिल्ली: पैक्ड फूड पर चेतावनी लेबल के नियमों में बदलाव पर सुप्रीम कोर्ट ने मांगे सुझाव.

सुप्रीम कोर्ट ने पैक्ड फूड पर चेतावनी लेबल को लेकर नियमों में संशोधन के लिए सुझाव मांगे हैं।

यह मामला पब्लिक चारिटेबल ट्रस्ट ‘3S’ और ‘Our Health Society’ की ओर से दायर जनहित याचिका (PIL) पर सुनवाई के दौरान उठा।

याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता राजीव शंकर द्विवेदी ने कोर्ट में पक्ष रखा।

याचिका में मांग की गई कि पैक्ड फूड पर साफ-साफ चेतावनी लेबल होना चाहिए ताकि उपभोक्ता को स्वास्थ्य पर असर की जानकारी मिल सके।

याचिका में यह भी कहा गया कि मौजूदा नियम काफी अस्पष्ट और उपभोक्ता को भ्रमित करने वाले हैं।

कोर्ट ने केंद्र सरकार और FSSAI (भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण) से इस मुद्दे पर जवाब मांगा।

सुप्रीम कोर्ट ने सुझाव देने की समयसीमा तय करते हुए याचिकाकर्ताओं और संबंधित एजेंसियों को नोटिस भेजा।

जजों ने कहा कि इस मामले का सीधा संबंध जनता के स्वास्थ्य से है।

कोर्ट ने ये भी कहा कि बढ़ते लाइफस्टाइल डिसीज़ के पीछे पैक्ड फूड की भूमिका पर गंभीर मंथन की ज़रूरत है।

याचिका में हाई-शुगर, हाई-फैट और हाई-सॉल्ट वाले फूड आइटम्स पर रेड लेबल की मांग की गई है।

कोर्ट ने पूछा कि मौजूदा चेतावनी लेबल उपभोक्ता को कितना स्पष्ट संदेश देते हैं।

याचिकाकर्ता ने यह भी तर्क दिया कि बच्चों को विशेष रूप से इन फूड्स से खतरा है।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस मामले में सभी हितधारकों की राय ज़रूरी है।

कोर्ट ने विशेषज्ञों और उपभोक्ता संगठनों से भी अपने सुझाव देने को कहा है।

FSSAI को भी नियमों की समीक्षा कर सुधार के लिए सुझाव देने को कहा गया है।

याचिका में WHO और अन्य अंतरराष्ट्रीय मानकों का हवाला दिया गया है।

कोर्ट ने इस मामले को जनहित से जुड़ा बताते हुए शीघ्र सुनवाई की बात कही।

अगली सुनवाई की तारीख जल्द तय की जाएगी।

यह मामला उपभोक्ता अधिकार और स्वास्थ्य सुरक्षा दोनों से जुड़ा हुआ है।

देशभर में हेल्दी फूड को बढ़ावा देने की दिशा में यह फैसला अहम माना जा रहा है।

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