श्रीनगर: श्रीनगर स्मार्ट सिटी लिमिटेड (एसएससीएल) द्वारा शुरू की गई 13.20 करोड़ रुपये की महत्वाकांक्षी साइकिल परियोजना सवालों के घेरे में है, क्योंकि इसने अब तक केवल 4.48 लाख रुपये का राजस्व अर्जित किया है।

इस परियोजना का उद्देश्य शहर में गैर-मोटर चालित परिवहन को बढ़ावा देना था।
एसएससीएल के अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि इस पहल का मुख्य लक्ष्य राजस्व उत्पन्न करना नहीं है, बल्कि पर्यावरण के अनुकूल परिवहन विकल्पों को प्रोत्साहित करना और शहर के निवासियों के लिए स्वस्थ जीवनशैली को बढ़ावा देना है। हालांकि, इतनी बड़ी लागत के मुकाबले मामूली राजस्व प्राप्ति ने परियोजना की वित्तीय व्यवहार्यता पर चिंताएं बढ़ा दी हैं।
यह परियोजना, जिसके तहत शहर के विभिन्न हिस्सों में साइकिल स्टैंड स्थापित किए गए हैं और किराए पर साइकिलें उपलब्ध कराई गई हैं, का उद्देश्य प्रदूषण को कम करना और यातायात की भीड़ को कम करना भी था। शुरुआती उत्साह के बावजूद, परियोजना को अपेक्षित स्तर की लोकप्रियता हासिल करने में चुनौतियों का सामना करना पड़ा है।
कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि परियोजना की योजना और कार्यान्वयन में कुछ कमियां रही होंगी, जिसके कारण यह वांछित परिणाम प्राप्त नहीं कर सकी। साइकिल ट्रैक की अनुपलब्धता या खराब रखरखाव, सुरक्षा संबंधी चिंताएं और जागरूकता की कमी कुछ ऐसे कारक हो सकते हैं जिन्होंने लोगों को इस सेवा का उपयोग करने से हतोत्साहित किया हो।
एसएससीएल के अधिकारी अब परियोजना की समीक्षा कर रहे हैं और इसे अधिक प्रभावी बनाने के लिए आवश्यक बदलाव करने पर विचार कर रहे हैं। इसमें साइकिल स्टैंड की संख्या बढ़ाना, बेहतर साइकिलें उपलब्ध कराना, सुरक्षा उपायों को मजबूत करना और लोगों को इस पहल के लाभों के बारे में जागरूक करने के लिए अभियान चलाना शामिल हो सकता है।
यह परियोजना स्मार्ट सिटी मिशन के तहत शुरू की गई कई पहलों में से एक है, जिसका उद्देश्य शहरों को अधिक टिकाऊ और रहने योग्य बनाना है। हालांकि, इस विशेष परियोजना के अनुभव से यह सबक मिलता है कि किसी भी शहरी विकास परियोजना की सफलता के लिए उचित योजना, प्रभावी कार्यान्वयन और लोगों की भागीदारी महत्वपूर्ण है।
भविष्य में, श्रीनगर स्मार्ट सिटी लिमिटेड को ऐसी परियोजनाओं को शुरू करने से पहले उनकी वित्तीय व्यवहार्यता और दीर्घकालिक प्रभाव का सावधानीपूर्वक आकलन करने की आवश्यकता होगी। साथ ही, नागरिकों की आवश्यकताओं और प्राथमिकताओं को ध्यान में रखते हुए योजनाएं बनाना भी महत्वपूर्ण है ताकि वे अधिक प्रभावी और सफल हो सकें।