रूस में जबरन भर्ती के बाद जंग से लौटे सरबजीत, बोले- गुरु की कृपा से बची जान.

पंजाब के अजनाला के जगदेव खुर्द गांव के सरबजीत सिंह रूस में फंस कर मुश्किल हालात से जूझते हुए घर लौटे।
वह टूरिस्ट वीज़ा पर रूस गए थे, लेकिन वहां पहुंचते ही उन्हें जबरन रूसी सेना में भर्ती कर लिया गया।
उन्होंने बताया कि उन्हें सिर्फ 30-35 घंटे बाद थोड़ी सी खिचड़ी खाने को मिली और पानी भी मुश्किल से मिलता था।
वीज़ा दिलवाने वाले व्यक्ति ने बताया था कि वहां उन्हें सिर्फ कूरियर का काम करना होगा।
हर महीने ₹80,000 से ₹85,000 सैलरी का झांसा दिया गया था।
पांच महीने तक यूक्रेन में लड़ाई लड़ने के बाद उन्हें दो महीने जेल में भी रहना पड़ा।
सरबजीत ने कहा कि कई पंजाबी युवक वहां घायल हुए और कई की मौत हो गई।
उन्होंने गुरु रामदास और भगवान का शुक्रिया अदा किया कि वह जिंदा लौट पाए।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रूस यात्रा के दौरान भारतीय युवकों का मुद्दा उठाया था।
इसके बाद रूस सरकार ने ऐसे लोगों को वापस भेजना शुरू किया।
सरबजीत की मां ने कहा कि हर दिन उनके लिए तनाव भरा था, बच्चों के सवालों का जवाब नहीं था।
वह अब अपने बेटे की सलामती पर भगवान का धन्यवाद करती हैं।
गांववालों ने भी एजेंटों को सजा देने की अपील की ताकि दूसरों के साथ ऐसा न हो।
बलजीत सिंह नामक एक और युवक ने बताया कि उन्हें जिंदा लौटने की उम्मीद नहीं थी।
ऐसे मामलों की संख्या लगातार बढ़ रही है, जिससे चिंता गहराती जा रही है।
युवाओं को विदेश जाने से पहले पूरी जानकारी और सतर्कता बरतनी चाहिए।
पंजाब और केंद्र सरकार को इस पर सख्त नीति बनानी चाहिए।
सरबजीत की कहानी आज कई परिवारों के लिए सबक और चेतावनी बन गई है।