दिल्ली की एक महिला, ट्विंकल कालिया, लैंगिक रूढ़ियों को तोड़ते हुए पिछले 23 वर्षों से एम्बुलेंस चला रही हैं।

इसके साथ ही, वह लावारिस शवों का अंतिम संस्कार भी करती हैं। उनका यह कार्य समाज में एक मिसाल कायम कर रहा है, जहां अक्सर ऐसे कार्यों को पुरुषों से जोड़कर देखा जाता है।
ट्विंकल कालिया ने न केवल एक पुरुष-प्रधान क्षेत्र में अपनी पहचान बनाई है, बल्कि उन्होंने मानवता की सेवा का एक अनूठा उदाहरण भी पेश किया है। एम्बुलेंस चलाकर वह जरूरतमंदों को अस्पताल पहुंचाती हैं, और जब किसी लावारिस शव का कोई दावेदार नहीं होता, तो वह आगे बढ़कर उसका अंतिम संस्कार पूरे रीति-रिवाज के साथ करती हैं। उनका यह कार्य करुणा और सेवाभाव का प्रतीक है।
ट्विंकल कालिया का यह असाधारण समर्पण कई लोगों के लिए प्रेरणास्रोत है। वह न केवल महिलाओं को हर क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित करती हैं, बल्कि समाज को यह भी संदेश देती हैं कि मानवीय मूल्यों से बढ़कर कुछ नहीं है। उनके इस निस्वार्थ सेवाभाव को हर तरफ सराहा जा रहा है।