विश्व कछुआ दिवस पर जानिए केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान – राजस्थान का कछुआ स्वर्ग

आज विश्व कछुआ दिवस के अवसर पर, आइए आपको राजस्थान के भरतपुर में स्थित केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान के बारे में बताते हैं, जो कछुओं के लिए एक महत्वपूर्ण आश्रय स्थल है। यह उद्यान राजस्थान में पाई जाने वाली 10 कछुआ प्रजातियों में से आठ का घर है, जो इनके संरक्षण और अनुसंधान के लिए एक महत्वपूर्ण केंद्र के रूप में कार्य करता है।
केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान में भारतीय सॉफ्टशेल कछुआ, इंडियन फ्लैपशेल कछुआ, इंडियन रूफ्ड कछुआ और इंडियन स्टार कछुआ जैसी कई प्रजातियां पाई जाती हैं। यह आर्द्रभूमि इन जीवों के लिए अनुकूल वातावरण प्रदान करती है, जहां उन्हें पर्याप्त भोजन और आश्रय मिलता है। पार्क की पारिस्थितिकी और जलवायु इन कछुओं के जीवन चक्र के लिए आदर्श मानी जाती है।
यह उद्यान न केवल विभिन्न प्रकार के कछुओं का घर है, बल्कि जैव विविधता का भी एक महत्वपूर्ण केंद्र है। कछुओं के संरक्षण के साथ-साथ, केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान अन्य वन्यजीवों और वनस्पतियों की भी रक्षा करता है, जिससे यह पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण स्थान बन जाता है।