केरल उच्च न्यायालय का आदेश.

ट्रांसजेंडर दंपति के बच्चे के जन्म प्रमाण पत्र में दोनों माता-पिता के नाम शामिल किए जाएं
केरल उच्च न्यायालय ने एक महत्वपूर्ण फैसले में ट्रांसजेंडर दंपति के बच्चे के जन्म प्रमाण पत्र में दोनों माता-पिता के नाम शामिल करने का आदेश दिया है। यह आदेश साहद और जिया नामक ट्रांसजेंडर दंपति की याचिका पर सुनवाई करते हुए आया, जिन्होंने अपने बच्चे के जन्म प्रमाण पत्र में अपने-अपने नाम माता और पिता के तौर पर दर्ज कराने की मांग की थी।
मामले की विशिष्टता यह है कि साहद, जिन्होंने एक ट्रांसमैन बनने का चुनाव किया, गलती से मां के रूप में दर्ज किए गए थे, जबकि जिया, जो बाद में एक ट्रांसवुमन बनीं, को पिता के रूप में दर्ज किया गया था। उच्च न्यायालय ने इस त्रुटि को सुधारने और जन्म प्रमाण पत्र में दोनों के सही लिंग पहचान के अनुसार नाम दर्ज करने का निर्देश दिया है।
अदालत का यह फैसला ट्रांसजेंडर समुदाय के अधिकारों और पहचान को मान्यता देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। इससे न केवल इस दंपति को राहत मिलेगी, बल्कि भविष्य में ट्रांसजेंडर माता-पिता के बच्चों के कानूनी अधिकारों को भी स्पष्टता मिलेगी।