युवक की हत्या के 12 आरोपी बरी.

एक व्यक्ति सांप्रदायिक हिंसा भड़काने का दोषी करार

नई दिल्ली: लगभग चार साल के बाद, दिल्ली की एक अदालत ने उत्तर-पूर्वी दिल्ली में 2020 के दंगों के दौरान एक युवक की हत्या के आरोप में 12 व्यक्तियों को बरी कर दिया है। हालांकि, इसी मामले में एक अन्य व्यक्ति को ‘सांप्रदायिक हिंसा भड़काने’ का दोषी ठहराया गया है। यह फैसला दिल्ली दंगों से जुड़े कई संवेदनशील मामलों में से एक है, जिस पर सबकी नजरें टिकी हुई थीं।

अदालत ने 12 आरोपियों को सबूतों के अभाव या संदेह का लाभ देते हुए बरी करने का आदेश दिया। अभियोजन पक्ष कथित तौर पर उनके खिलाफ हत्या के आरोपों को उचित संदेह से परे साबित करने में विफल रहा। वहीं, दोषी ठहराए गए व्यक्ति के खिलाफ सांप्रदायिक भावनाएं भड़काने और भीड़ को हिंसा के लिए उकसाने के पर्याप्त सबूत मिले, जिसके आधार पर उसे दोषी करार दिया गया।

इस फैसले ने दंगा पीड़ितों और कानूनी विशेषज्ञों के बीच मिश्रित प्रतिक्रियाएं पैदा की हैं। एक ओर, कई मामलों में आरोपियों का बरी होना जांच प्रक्रियाओं और साक्ष्य जुटाने के तरीकों पर सवाल उठाता है, तो वहीं दूसरी ओर, सांप्रदायिक हिंसा भड़काने के लिए एक व्यक्ति को दोषी ठहराया जाना न्यायपालिका की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। यह निर्णय 2020 के दिल्ली दंगों से संबंधित अन्य लंबित मामलों पर भी प्रभाव डाल सकता है, जो अभी भी अदालतों में विचाराधीन हैं।

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