सुप्रीम कोर्ट ने बॉम्बे हाई कोर्ट के आदेश पर लगाई रोक.

कहा – ‘हाई कोर्ट राजस्व विभाग का संरक्षक नहीं’
नई दिल्ली: भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने एक महत्वपूर्ण फैसले में बॉम्बे हाई कोर्ट के एक आदेश पर रोक लगा दी है, और कड़ी टिप्पणी करते हुए कहा है कि “हाई कोर्ट राजस्व विभाग का संरक्षक नहीं है।” यह टिप्पणी उच्च न्यायालयों के अधिकार क्षेत्र और सरकारी विभागों के कामकाज में उनके हस्तक्षेप की सीमाओं को स्पष्ट करती है।
जानकारी के अनुसार, सर्वोच्च न्यायालय की पीठ ने राजस्व विभाग को नोटिस जारी करते हुए हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली एक फर्म की याचिका पर छह सप्ताह के भीतर जवाब मांगा है। यह मामला राजस्व संबंधी विवाद से जुड़ा है, जिसमें बॉम्बे हाई कोर्ट ने राजस्व विभाग के फैसलों पर कुछ निर्देश जारी किए थे। सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में स्पष्ट किया कि उच्च न्यायालयों को सरकारी विभागों के दैनिक कामकाज में अत्यधिक हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए, खासकर जब तक कि कोई स्पष्ट कानूनी त्रुटि या अधिकार क्षेत्र का उल्लंघन न हो।
सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला न्यायपालिका और कार्यपालिका के बीच शक्तियों के पृथक्करण के सिद्धांत को मजबूत करता है। यह दर्शाता है कि अदालतों का काम कानून की व्याख्या करना और न्याय सुनिश्चित करना है, न कि सरकारी विभागों के प्रबंधन या संचालन में सीधे तौर पर शामिल होना। इस फैसले का देश भर में विभिन्न राजस्व और अन्य सरकारी विभागों से संबंधित मामलों पर दूरगामी प्रभाव पड़ सकता है।