चंडीगढ़ के सॉफ्टवेयर डेवलपर ने कचरे से धन बनाया.

चंडीगढ़: चंडीगढ़ के एक सॉफ्टवेयर डेवलपर, अरुण बंसल, ने एक अभिनव ‘कचरे से धन’ (Waste to Wealth) अभियान का नेतृत्व करते हुए, घरेलू कचरे को उपयोगी वस्तुओं में बदलने का एक अनूठा तरीका विकसित किया है। यह पहल न केवल पर्यावरण संरक्षण में योगदान दे रही है, बल्कि झुग्गी-झोपड़ी में रहने वाले लोगों को लाभ पहुंचा रही है और स्वयं सहायता समूहों (SHG) के माध्यम से महिलाओं को सशक्त भी कर रही है।

बंसल के इस अभियान के तहत, घरों से निकलने वाले कचरे को इकट्ठा कर उसे सावधानीपूर्वक वर्गीकृत किया जाता है। फिर इस कचरे को विभिन्न उपयोगी उत्पादों में बदल दिया जाता है, जैसे कि सजावटी वस्तुएं, घरेलू उपयोग की चीजें और अन्य हस्तशिल्प। यह प्रक्रिया न केवल कचरे के पहाड़ों को कम करती है, बल्कि यह एक स्थायी आय का स्रोत भी बन रही है। इस परियोजना की सबसे खास बात यह है कि इसमें स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी महिलाएं शामिल हैं, जिन्हें कचरा प्रसंस्करण और उत्पाद बनाने का प्रशिक्षण दिया जाता है, जिससे उन्हें आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनने में मदद मिलती है।

अरुण बंसल की यह पहल शहरी कचरा प्रबंधन के लिए एक उत्कृष्ट मॉडल प्रस्तुत करती है। यह दर्शाता है कि कैसे नवाचार, सामुदायिक भागीदारी और सामाजिक चेतना का उपयोग करके पर्यावरणीय चुनौतियों को अवसरों में बदला जा सकता है। यह अभियान अन्य शहरों के लिए भी प्रेरणा का स्रोत बन सकता है, जो कचरा प्रबंधन और सामाजिक सशक्तिकरण के दोहरे लक्ष्य को प्राप्त करना चाहते हैं।


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