टोंक के युवा ने हथकरघा को बनाया रोजगार का जरिया.

टोंक, राजस्थान: राष्ट्रीय हथकरघा दिवस के अवसर पर, राजस्थान के टोंक जिले के एक युवा ने पारंपरिक हथकरघा उद्योग को रोजगार का एक सफल जरिया बनाकर मिसाल कायम की है। आशीष जैन नामक इस युवा ने न केवल अपनी उद्यमशीलता का प्रदर्शन किया है, बल्कि कई लोगों के लिए आजीविका के अवसर भी पैदा किए हैं।

आशीष जैन ने बड़ी संख्या में लोगों को हथकरघा चलाने का प्रशिक्षण देकर उनके लिए आजीविका के अवसर खोले हैं। उन्होंने आधुनिक तकनीकों और डिजाइन के साथ पारंपरिक हथकरघा को जोड़ा है, जिससे उनके उत्पाद बाजार में लोकप्रिय हो रहे हैं। उनका यह प्रयास ग्रामीण क्षेत्रों में स्वरोजगार को बढ़ावा देने में मदद कर रहा है, खासकर उन लोगों के लिए जो पारंपरिक कला और शिल्प से जुड़े हैं।

जैन का लक्ष्य हथकरघा उद्योग को पुनर्जीवित करना और इसे स्थानीय अर्थव्यवस्था का एक मजबूत स्तंभ बनाना है। उनके इस काम की देशभर में सराहना हो रही है। यह दिखाता है कि कैसे युवा उद्यमी अपनी रचनात्मकता और कौशल का उपयोग करके न केवल अपनी आजीविका कमा सकते हैं, बल्कि दूसरों के लिए भी अवसर पैदा कर सकते हैं। यह कदम राष्ट्रीय हथकरघा दिवस के महत्व को और बढ़ाता है, जो देश में हथकरघा बुनकरों को सम्मानित करने और उनके योगदान को पहचानने का दिन है।


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