सीट न मिलने पर JMM ने महागठबंधन से नाता तोड़ा

RJD-कांग्रेस को गंभीर परिणाम भुगतने की चेतावनी
रांची, झारखंड: झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) ने बिहार विधानसभा चुनावों में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) और कांग्रेस द्वारा एक भी सीट नहीं दिए जाने के बाद महागठबंधन से अलग होने की आधिकारिक घोषणा कर दी है। पार्टी ने राजद और कांग्रेस को इस धोखेबाजी के गंभीर परिणाम भुगतने की कड़ी चेतावनी दी है। जेएमएम के इस निर्णय से झारखंड की राजनीति में भी गहन उठापटक की संभावना पैदा हो गई है।

जेएमएम के महागठबंधन से बाहर होने के बाद झारखंड की राजनीति में बदलाव की नई चर्चाएँ शुरू हो गई हैं। जेएमएम महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने शनिवार को पार्टी के छह सीटों (चकाई, धमदाहा, कटोरिया, मनिहारी, जमुई और पीरपैंती) पर अकेले चुनाव लड़ने की घोषणा की थी और प्रचारकों की सूची भी जारी की थी। हालांकि, नामांकन समाप्त होने की अंतिम तिथि सोमवार दोपहर 3 बजे तक पार्टी अपने उम्मीदवारों के नाम घोषित नहीं कर सकी। इसके बाद जेएमएम के वरिष्ठ नेता और झारखंड सरकार में मंत्री सुदिब्या कुमार सोनू ने मीडिया के सामने आकर राजद और कांग्रेस पर धोखाधड़ी का आरोप लगाया। उन्होंने आरोप लगाया कि पार्टी को आखिरी समय तक अंधेरे में रखा गया और अब पार्टी बिहार चुनावों की दौड़ से बाहर हो गई है।

झारखंड के वरिष्ठ राजनीतिक विश्लेषक बैद्यनाथ मिश्रा ने कहा कि 2019 में हेमंत सोरेन ने राजद के एकमात्र विधायक सत्यानंद को पाँच साल तक मंत्री बनाए रखा था, इसलिए राजद और कांग्रेस को जेएमएम को कम से कम दो या तीन सीटें देनी चाहिए थीं। उन्होंने संकेत दिया कि इस उपेक्षा से नाराज जेएमएम झारखंड सरकार को पुनर्गठित करने का फैसला कर सकती है, जो सुप्रियो भट्टाचार्य और सुदिब्या सोनू के बयानों से स्पष्ट है। यह संभव है कि राजद के मंत्री संजय यादव को कैबिनेट से हटाया जा सकता है। गौरतलब है कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी ने झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से बिहार में प्रचार के लिए अनुरोध किया था, लेकिन टिकट वितरण से जेएमएम को पूरी तरह बाहर रखा गया था।

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