शराब घोटाले में बढ़ा संदेह, एसीबी ने फैज अकरम को बुलाया.
फर्जी दस्तावेजों और विभागीय लापरवाही पर जांच एजेंसी ने बढ़ाया दबाव
झारखंड शराब घोटाले की जांच में एसीबी लगातार नए कदम उठा रही है। इसी क्रम में रामगढ़ डीसी फैज अकरम को नोटिस भेजकर पूछताछ में शामिल होने को कहा गया है। वह इस मामले में तत्कालीन उत्पाद आयुक्त भी रहे हैं। जांच एजेंसी का संदेह है कि जिम्मेदार पदों पर रहते हुए कई प्रक्रियाएं नजरअंदाज की गईं। एसीबी इससे पहले अन्य आईएएस अधिकारियों से भी पूछताछ कर चुकी है। आईएएस मुकेश कुमार और मनोज कुमार से भी सवाल पूछे गए। घोटाले का दायरा लगातार बढ़ता दिख रहा है।
एफआईआर में तत्कालीन सचिव विनय चौबे सहित 13 लोगों पर आरोप हैं। प्राथमिकी में साफ कहा गया है कि प्लेसमेंट एजेंसियों की बैंक गारंटी की कोई जांच नहीं हुई। बैंक ने गारंटी को पूरी तरह फर्जी बताया है। बैंक अधिकारियों ने कहा कि लेटरहेड और सिग्नेचर भी असली नहीं हैं। इसके बावजूद संबंधित विभागों ने इसे मान्य कर लिया। इस लापरवाही से करोड़ों का नुकसान हुआ। दस्तावेजों की जांच न होना पूरे मामले को संदिग्ध बनाता है। एसीबी इन सभी पहलुओं पर गहराई से जांच कर रही है।
दस्तावेजों के आधार पर यह भी सामने आया है कि रिकवरी नहीं होने से देनदारियां बढ़ती गईं। एक एजेंसी पर 12.98 करोड़ रुपये की देनदारी है। दूसरी एजेंसी पर 25.46 करोड़ रुपये का भुगतान लंबित है। जांच एजेंसी इस आर्थिक नुकसान को गंभीर अपराध मान रही है। कई सूत्र बता रहे हैं कि और अधिकारी भी पूछताछ के दायरे में आ सकते हैं। इस घोटाले ने प्रशासनिक ढांचे की कमजोरियों को उजागर किया है। आने वाले दिनों में इस केस में बड़े खुलासे होने की संभावना है।
