‘रोहिंग्या शरणार्थी हैं या अवैध घुसपैठिए’, सुप्रीम कोर्ट करेगा तय

नई दिल्ली: देश में रह रहे रोहिंग्या समुदाय के लोगों के दर्जे को लेकर एक बड़ा कानूनी सवाल खड़ा हो गया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि वह यह तय करेगा कि रोहिंग्या लोग ‘शरणार्थी’ हैं या ‘अवैध घुसपैठिए’। यह फैसला भारत में रोहिंग्याओं के भविष्य और उनके मानवाधिकारों को लेकर महत्वपूर्ण निहितार्थ रखेगा।

सर्वोच्च न्यायालय देश में रोहिंग्याओं से संबंधित कई याचिकाओं पर सुनवाई कर रहा था। इन याचिकाओं में उनकी स्थिति, उन्हें देश में रहने का अधिकार, और उनके खिलाफ संभावित निष्कासन के आदेशों को चुनौती दी गई है। केंद्र सरकार का रुख रहा है कि रोहिंग्या अवैध घुसपैठिए हैं और उन्हें राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा माना जा सकता है, जबकि मानवाधिकार संगठन उन्हें शरणार्थी मानते हुए सुरक्षा और आश्रय की मांग कर रहे हैं।

सुप्रीम कोर्ट का यह निर्णय इस जटिल मुद्दे पर कानूनी स्पष्टता प्रदान करेगा। अदालत दोनों पक्षों की दलीलें सुनेगी और अंतरराष्ट्रीय कानून, भारतीय संविधान और राष्ट्रीय सुरक्षा के पहलुओं पर विचार करेगी। यह फैसला न केवल भारत में रोहिंग्याओं के लिए, बल्कि भविष्य में ऐसे ही अन्य मामलों के लिए भी एक मिसाल कायम कर सकता है।


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